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वर्ष 2014 : 12 रा‍‍‍शियां, संपूर्ण भविष्यफल

कैसा होगा 2014 आपके लिए, बता रहे हैं पं. देवेन्द्र

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पं. देवेद्रसिंह कुशवाह

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मेष- वर्ष 2014 के सितारे बता रहे हैं कि मेष राशि वालों के लिए यह वर्ष मिला-जुला फल प्रदान करेगा, हालांकि गत वर्ष की अपेक्षा यह वर्ष प्रयास करने पर बेहतर साबित होगा। मेष राशि वाले काफी मेहनती, अनुशासनप्रिय, कर्मठ, किसी भी काम को शुरू करते हैं तो पूरा करके ही रुकते हैं। कई बार हठी और जिद्दी तथा गर्म-मिजाज के होते हैं।

इस राशि वालों के लिए वर्ष प्रारंभ होने से लेकर 12 जुलाई 14 तक राहु के दांपत्य भाव सप्तम स्थान से गोचर करने से दांपत्य जीवन में तनाव, जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता, साझेदारी के व्यवसाय में बाधा के योग बनेंगे।

जबकि 12 जुलाई से वर्षपर्यंत रोग और शत्रु के षष्ठ भाव से भाव से राहू का गोचर रहेगा जिससे राहू के शुभ फलों में वृद्धि, शत्रुपक्ष से लाभ, स्वास्थ्य में लाभ, नौकरी में पदोन्नति के योग बनेंगे बावजूद इसके भय, भ्रम, अफवाहों से बचें।

वहीं वर्ष प्रारंभ से 19 जून तक गुरु आपके तीसरे पराक्रम भाव में रहेगा इसलिए आपको पारिवारिक तनाव, कार्यों में ज्यादा मेहनत, चोरी, प्रियजनों पर अतिविश्वास से हानि की योग होंगे लेकिन 19 जून के बाद इसके बाद उच्च के होकर सुख के चतुर्थ भाव में रहने से भूमि प्रॉपर्टी में लाभ, वांछित स्थान परिवर्तन, कई दिनों से रुके कार्य में पूर्णता के योग हैं लेकिन मानसिक तनाव बना रहेगा, रुका पैसा मिलने की संभावना, नौकरी व्यवसाय में विशेष प्रयास के साथ उन्नति के योग बन सकते हैं।

शनि महाराज आपकी राशि से सप्तम होने से मिला-जुला फल देंगे। साझेदारी व्यवसाय में लाभ, सामाजिक सम्मान के योग बन सकते हैं लेकिन लापरवाही से अवमानना, अपयश भी मिल सकता है। व्यावसायिक लंबी यात्राएं होंगी, मनमाफिक कार्य होंगे, प्रभाव में वृद्धि के योग हैं। खास बात 2 नवंबर 14 से आपकी राशि पर शनि की लघुकल्याणी ढैया प्रारंभ होने से अशुभ फलों, संघर्ष की स्थिति निर्मित होंगी।

इस वर्ष प्रेम-प्रसंग के मामलों में जून के बाद तनाव रहेगा। मेष राशि के लिए वैवाहिक योग जून तक बने हैं उसके बाद वैवाहिक विलंब के योग बनते हैं जबकि विद्यार्थियों के लिए सफलता के खासे योग हैं, लेकिन जून माह के बाद शिक्षा में विशेष मेहनत करना होंगी जिससे बड़ी परीक्षा में सफल हो पाएंगे।

उपाय- इस वर्ष मेष राशि वालों को गुरु और शनि की शांति करानी चाहिए।


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वृषभ- वर्ष 2014 के सितारे वृषभ राशि के लिए श्रेष्ठ फल देने वाले दिखाई दे रहे हैं। गत वर्ष से चली आ रही सकारात्मक स्थिति अल्प प्रयास से लाभकारी बनी रहेगी। वृषभ राशि के लोग बहुत सुलझे हुए, आकर्षण और ऐश्वर्यपसंद, ईमानदार होते हैं।

वृषभ राशि के लोग विपरीत परिस्थिति का अच्छे से सामना कर सकते हैं। ऐसे में साल में संघर्ष की स्थिति का सामना भी करना पड़ेगा तो अपने गुणों के कारण अपनी राह पर बढ़ते चले जाएंगे।

वर्ष आरंभ से राहू और शनि के षष्ठ भाव में एकसाथ रहने से शत्रु से लाभ, कोर्ट-कचहरी में जीत, नौकरी में उन्नति व व्यवसाय में सफलता के योग बने हैं, स्वास्थ्य मस्त रहेगा। अचल संपत्ति के विशेष योग बन रहे हैं, लेकिन 12 जुलाई से राहू के पंचम स्थान में आने से मानसिक तनाव, संतान और शिक्षा में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

प्रॉपर्टी में अचानक लाभ के योग होंगे लेकिन वाहन से सावधानी रखना होंगी। 2 नवंबर को शनि के सप्तम स्थान में आने से दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ेगा, साझेदारी के व्यवसाय में हानि हो सकती है, पारिवारिक विवाद जन्म लेगा।

जबकि गुरु महाराज आपकी राशि में वर्ष आरंभ से द्वितीय धन भाव में गोचर कर रहे हैं जिससे रुकावट के साथ धनलाभ होता रहेगा, परिवार में मांगलिक कार्य होंगे, भूमि लाभ के लिए ऋण के योग, रुका पैसा और प्रयास से नौकरी-व्यवसाय में सफलता के योग हैं, लेकिन 19 जून 14 से गुरु के तृतीय भाव में आ जाने से शुभ कार्यों में वृद्धि होंगी। किसी भी कार्य में सफलता के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। स्थानांतरण के कारण मानसिक तनाव होगा मित्रों से भी चिंता बढ़ेगी। धार्मिक यात्राएं होंगी।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में प्रेम बना रहेगा। साल का मध्य तनाव के बीतेगा। आपकी राशि वालों के लिए 19 जून के बाद वैवाहिक और मांगलिक कार्यों के प्रबल योग हैं। विद्यार्थियों के लिए श्रेष्ठ समय है। अवसर का लाभ उठाने का प्रयास करें।

उपाय- राहु और मंगल की शांति कराएं।

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मिथुन- वर्ष 2014 के सितारे मिथुन राशि वालों के लिए विशेष लाभकारी होगा। साल आपके लिए विशेष सौगातें लेकर आ रहा है। लाभ उठाने का प्रयास करें। मिथुन राशि वाले लोग प्रखर बुद्धि, प्रबंधन के जानकार, तेजी से काम करने वाले, अच्छी वाणी और बुद्धि से युक्त होते हैं। इस वर्ष मिथुन राशि वालों को स्वास्थ्य को छोड़ सभी क्षेत्रों में लाभ के अवसर मिलेंगे। आलस्य छोड़कर अपने कार्यों को पूरा करें।

वर्ष आरंभ से राहु के पंचम स्थान में होने से संतान शिक्षा में चिंता बनी रहेगी। मानसिक कष्ट होगा, भूमि संबंधी कार्यों में रुकावट का सामना करना पड़ेगा। ज्ञान, अध्यात्म, सिद्धि के लिए विशेष समय है। 12 जुलाई 14 को राहु के सुख स्थान चतुर्थ भाव में होने से कष्ट का समय रहेगा।

माता कष्ट, मानसिक तनाव, भूमि-संपत्ति में परेशानी, गृह क्लेश, संतान को कष्ट और सुखों में कमी प्रदान करेगा। शनि महाराज के पंचम भाव में उच्च के गोचर से अशुभ फल कम होंगे लेकिन जीवनसाथी के स्वास्थ्य में परेशानी, साझेदारी व्यवसाय में हानि, व्यर्थ की यात्राएं, स्थान परिवर्तन, संतान कष्ट होने के योग बने रहेंगे।

आपकी राशि में गुरु के वर्ष आरंभ से स्वयं की राशि से गोचर होने से यश-प्रतिष्ठा के साथ तनाव मिलेगा। नौकरी-व्यवसाय में बाधा के योग हैं। मानसिक तनाव हो सकता है। धार्मिक यात्राओं और मांगलिक कार्यों में व्यय होगा। घर में भी मांगलिक कार्यों के प्रबल योग हैं।

जबकि 19 जून से गुरु आपकी राशि द्वितीय धन भाव में होने से श्रेष्ठ लाभ के योग बन रहे हैं। आर्थिक लाभ, धनलाभ, कौटुम्बिक सुख, रोग व शत्रु में लाभ, भूमि में लाभ के योग बन रहे हैं। व्यापार-व्यवसाय में भी उन्नति होने के अवसर मिलेंगे।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में सावधानी रखें, धोखे की संभावना है। हालांकि जून तक समय ठीक है। मिथुन राशि के लिए वैवाहिक स्थिति जून माह तक बेहतर है, इसके बाद कठिन समय है। विद्यार्थियों में लिए बड़ी परीक्षा पास करने के लिए श्रेष्ठ समय है। अवसर का लाभ उठाने का प्रयास करें, सफलता अवश्य मिलेगी।

उपाय- इस वर्ष गुरु और राहु की शांति कराएं, परेशानी से मुक्त रहेंगे।

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कर्क- वर्ष 2014 के सितारे कर्क राशि वालों के लिए यह वर्ष प्रयास करने के बाद बेहतर साबित होगा। कर्क राशि वाले लोग भावुक, बुद्धिमान और जीतने वाले होते हैं। ज्यादा भाग्यवादी न होकर कर्म पर विश्वास रखते हैं ऐसे में विगत वर्ष से चली आ रही संघर्ष की स्थिति को प्रयास करने पर उन्नति के रूप में बदल सकते हैं।

वर्ष आरंभ से राहू आपकी राशि में सुख स्थान से भ्रमण कर रहा है जिससे मानसिक तनाव बना रहेगा। प्रियजनों से विवाद, कार्यस्थल पर परेशानी, अत्यधिक खर्च, घर के बुजुर्गों का स्वास्थ्य, अचल संपत्ति में विवाद के योग मानसिक कष्ट देते रहेंगे।

हालांकि 12 जुलाई से राहू के तृतीय स्थान में आने से परिस्थितियां बदल जाएंगी, पराक्रम, प्रभाव में वृद्धि होगी। द्रव्य प्राप्ति, शत्रु से लाभ, नौकरी-व्यवसाय में सफलता, लंबी यात्राएं लाभकारी साबित होंगी।

शनि के आपकी राशि पर चल रही लघु कल्याणी ढैया होने से सफलता में विशेष प्रयास करने पड़ेंगे। नौकरी-व्यवसाय में विगत समय से चली आ रही परेशानी बनी रहेगी, अधिकार और हक के लिए संघर्ष होता रहेगा, लेकिन 2 नवंबर 14 से शनि के पंचम स्थान में आने से शनि का ढैया उतर जाएगा जिससे चली आ रही समस्याएं और संघर्ष की स्थिति हट जाएगी।।

वांछित सफलता, स्थान परिवर्तन हो सकेंगे। आपकी राशि से गुरु का गोचर वर्ष आरंभ से 19 जून तक व्यय स्थान द्वादश में होने से अत्यधिक व्यय, शारीरिक पीड़ा, चिंता, कोर्ट-कचहरी से परेशानी बनी रहेगी, हालांकि भूमि-संपत्ति, वाहन में लाभ देगा। रुका पैसा मिल सकता है। धार्मिक कार्यों में व्यय होगा।

19 जून 14 से आपकी राशि से गुरु का उच्च का गोचर होगा, जो हर तरह से शुभ और मंगलकारी साबित होगा। मान-सम्मान में वृद्धि, संतान सुख, वैवाहिक जीवन में आनंद, साझेदारी व्यवसाय में लाभ की स्थिति बनती है। मांगलिक कार्यों, संतान सुख में वृद्धि, मनवांछित लाभ की स्थिति बनेगी। धार्मिक कार्यों में व्यस्तता और यात्राएं होती रहेंगी।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में जून के बाद सही समय रहेगा। आपकी राशि के लिए वैवाहिक स्थितियां जून के बाद बहुत श्रेष्ठ हैं। संतान विवाह के प्रबल योग हैं। विद्यार्थियों के लिए जून के बाद श्रेष्ठ समय है। बड़ी परीक्षाओं में सफलता के प्रबल योग हैं।

उपाय- आपको राहु और शनि के शांति कराना लाभकारी साबित होगा।


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सिंह- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं सिंह राशि वालों के लिए यह साल उम्मीदों से भरा साल साबित होगा। सिंह राशि के लोग स्वाभिमानी, ईमानदार और काम में मेहनत करने वाले लोग होते हैं ऐसे में इस साल में अपनी उम्मीदों और आशाओं के अनुरूप करने के अल्प प्रयास से सफल हो सकते हैं।

आपकी राशि में वर्ष आरंभ से राहु 12 जुलाई 14 तक तृतीय स्थान में गोचर करने से धनलाभ, पराक्रम में वृद्धि, संतान सुख, रोग शत्रु से लाभ, स्थाई संपत्ति में लाभ के योग बनता है लेकिन 12 जुलाई के बाद धन स्थान द्वितीय भाव से भ्रमण करने से परिस्थितियां प्रतिकूल हो जाएंगी। धनहानि, प्रतिकूलता, मानसिक कष्ट, अत्यधिक व्यय, शारीरिक कष्ट के योग हैं।

गुरु के लाभ स्थान एकादश भाव से भ्रमण करने से श्रेष्ठ फलदायक समय है। संतान लाभ, धनलाभ, नौकरी-व्यवसाय में उन्नति, परिवार में मांगलिक कार्य के योग हैं। रोग-शत्रु से मुक्ति के योग हैं, लेकिन 19 जुलाई 14 को गुरु आपकी राशि से द्वादश स्थान में आने से अत्यधिक व्यय, शारीरिक पीड़ा, कोर्ट-कचहरी, राजभय, यात्रा में परेशानी, संतान कष्ट के योग बनेंगे, विशेष प्रयास से स्थिति अनुकूल हो सकती है।

शनि के 2 नवंबर 14 से आपकी राशि पर शनि की लघुकल्याणी ढैया प्रारंभ होने से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। शारीरिक पीड़ा, धन का व्यय, व्यर्थ परिश्रम की स्थिति बनेगी।

प्रेम-प्रसंग के मामले में अच्छी स्थिति नहीं रहेगी, तनाव पैदा होगा। आपकी राशि वालों के विवाह योग्य लोगों के लिए विवाह के योग जून के बाद बनेंगे। विद्यार्थियों के लिए साल का पूर्वार्ध सफलता प्रदान करेगा जबकि उत्तरार्ध में विशेष परिश्रम करने पर ही सफलता मिलेगी।

उपाय- गुरु और राहु की शांति कराएं, स्थिति अनुकूल होगी।



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कन्या- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं कन्या राशि वालों के लिए यह साल मिला-जुला फल देने वाला साबित होगा। कन्या राशि वाले प्रखर बुद्धि वाले, प्रबंधन के मालिक होते हैं अपनी कल्पना शक्ति से आप हर मुकाम पर सफल होते हैं। ऐसे गुणों के कारण आप विपरीत परिस्थिति में अपने को साबित कर पाएंगे जिससे इस साल अपने सपनो को पूरा कर सकते हैं।

आपकी राशि से राहु का 12 जुलाई 14 तक धन स्थान द्वितीय भाव में भ्रमण करने से स्थिति अनुकूल नहीं होगी। लालच में धन न लगाएं, धनहानि के योग हैं। मानसिक और शारीरिक पीड़ा रहेगी, आपकी वाणी से बनते काम बिगड़ सकते हैं। 12 जुलाई से राहु के आपकी राशि के गोचर करने से राहत मिलेगी हालांकि मानसिक, शारीरिक पीड़ा बनी रहेगी।

दांपत्य जीवन, साझेदारी के व्यवसाय में परेशानी होगी। भय, भ्रम और अफवाह से बचें। 2 नवंबर 14 तक ही शनि के साढ़ेसाती होने से शनि पीड़ा होगी, हालांकि उतरता शनि लाभकारी सिद्ध होता है। कई सालों से चली आ रही शनि की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा।

जीवन में नए रास्ते मिलेंगे। सामयिक समस्याओं, धन, नौकरी व्यवसाय में परेशानी से मुक्ति मिल सकेगी। वर्ष के आरंभ से 19 जून तक गुरु का दशम स्थान से गोचर होने से स्थान परिवर्तन के योग हैं।

संतान कष्ट, शारीरिक-मानसिक पीड़ा, गृह-क्लेश की स्थिति रहेगी लेकिन 19 जून के बाद गुरु का आपकी राशि से लाभ स्थान एकादश भाव से उच्च का भ्रमण होने से गुरु के सबसे बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। मनोवांछित इच्छाएं और आशाएं पूरी होंगी। लाभ योग हैं, संतान सुख और विवाह के प्रबल योग हैं। साझेदारी व व्यवसाय में उन्नति मिलेगी।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में यह वर्ष अनुकूल रहेगा। जो लोग विवाह योग्य हैं उनका विवाह योग जून के बाद प्रबल रूप से बन रहा है। विद्यार्थियों के लिए साल का उत्तरार्ध विशेष सफलता देने वाला रहेगा।

उपाय- हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनि की शांति कराएं।


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तुला- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं कि तुला राशि वालों के लिए यह साल संघर्ष के बाद सुख देने वाला साबित होगा। तुला राशि के लोग सौन्दर्य और ऐश्वर्य पसंद और खुशमिजाज होते हैं। इन विषयों में समझौता नहीं करते इसलिए ऐश्वर्य सुख प्राप्त करने के लिए सच्चाई, ईमानदारी के साथ कठिन परिश्रम करते हैं। जब तक लक्ष्य नहीं प्राप्त करते, चैन से नहीं बैठते, काम से समझौता नहीं करते। ऐसे गुणों के कारण पिछले दिनों से चले आ रहे संघर्ष को अपने प्रयासों से अनुकूल कर लेंगे।

आपकी राशि से राहु के भ्रमण से धन द्रव्य में वृद्धि, पुरुषार्थ में वृद्धि, मानसिक, शारीरिक पीड़ा बनी रहेगी। दांपत्य जीवन, साझेदारी के व्यवसाय में परेशानी होगी। भय, भ्रम और अफवाह से बचें। 12 जुलाई से राहु के द्वादश भाव में प्रवेश करने से धन का अपव्यय, कोर्ट- कचहरी, शारीरिक सुखों में कमी के योग बनेंगे।

शनि के साढ़ेसाती का द्वितीय चरण हृदय पर चांदी के पाए के साथ होने से प्रियजनों से विवाद, परिश्रम से लाभ, मानसिक क्लेश, धनहानि, नौकरी-व्यवसाय में परेशानी के योग बने हैं।

2 नवंबर से शनि की साढ़ेसाती का अंतिम तीसरा चरण पैरों पर सोने के पाए का शुरू होगा जिससे शनि के दुष्परिणामों में कमी आएगी। उतरता शनि शुभ फल प्रदान करता है फिर भी शारीरिक, मानसिक पीड़ा, धन का कमी, काम में परिश्रम की स्थिति बनी रहेगी।

आपकी राशि से गुरु का भाग्य स्थान नवम् भाव से गोचर होने से शुभ फलों में वृद्धि होगी। धनलाभ, पदलाभ, व्यवसाय में उन्नति, संतान, स्वजनों से सुख, धार्मिक और मांगलिक कार्यों के योग बनेंगे जबकि 19 जून से गुरु का दशम् भाव से गोचर नौकरी, व्यवसाय में श्रेष्ठ योग बनाएगा। धनलाभ के नए रास्ते बनेंगे। नौकरीपेशा लोगों को उन्नति संभव है।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में यह वर्ष मिला-जुला साबित होगा। विवाह योग्य लोगों के विवाह योग जून तक प्रबल बने हुए हैं। विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष परिश्रम करने के बाद विशेष सफलता देने वाला होगा, लेकिन लापरवाही से नुकसान संभव हैं।

उपाय- गुरु शनि राहु की शांति कराएं। हनुमान साधना करें।



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वृश्चिक- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं कि वृश्चिक राशि वालों के लिए यह वर्ष कष्टकारक बना रहेगा। वांछित सफलता के लिए अत्यधिक प्रयत्न करने पड़ेंगे। वृश्चिक राशि के लोग संघर्ष करने वाले माने जाते हैं। बिना दिखावे के अपने कार्यों में व्यस्त होते हैं। सफलता मिलने पर भी चिल्ला-पुकार नहीं करते व अपनी परेशानी भी बाहर आने नहीं देते।

अद्भुत योग्यता के धनी होने से हर परेशानी में रास्ता निकाल लेते हैं। ऐसे गुणों का भरपूर उपयोग इस वर्ष भी करना होगा। पिछले समय से चली आ रही समस्याएं आपका पीछा नहीं छोड़ेंगी। आपकी राशि में वर्ष आरंभ से ही गुरु का अष्टम स्थान भ्रमण, शनि की साढ़ेसाती और राहू के द्वादश स्थान से भ्रमण से संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी।

मानसिक, शारीरिक पीड़ा, स्वजनों से क्लेश, नौकरी-व्यवसाय में परेशानी, व्यर्थ यात्राएं, अत्यधिक धन खर्च, परिजनों से दूर जाने के योग, वाणी से हानि, दांपत्य जीवन में तनाव, दुर्घटना की स्थिति बनी रहेगी। इस वर्ष हर तरह से विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होगी।

राहू के 12 जुलाई से एकादश स्थान में, 19 जून से गुरु के नवम भाव में आने से, शनि की साढ़े साती 2 नवंबर से दुसरे चरण की प्रारंभ होने से धीरे-धीरे समय अनुकूल होता जाएगा। बिगड़े काम बनते नजर आएंगे।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में समय अनुकूल नहीं है, सावधानी बरतें। विवाह कार्यों में जून के बाद अनुकूल योग बन रहे हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई में एकाग्रता के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। मेहनत करने पर ही सफलता मिल सकेगी।

उपाय- शनि की शांति कराएं। दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें।

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धनु- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं कि धनु राशि वालों के लिए यह वर्ष मिला-जुला साबित होगा। धनु राशि के लोग मिलनसार, संवेदनशील, भावुक और मानवीय आध्यात्मिक गुणों से भरे होते हैं। सीधे-सरल स्वभाव के लोग भाग्यवादी होने के बावजूद मेहनत करने में विश्वास रखते हैं। काम को पूजा समझने के गुण के कारण आप हर स्थिति में खुद को बेहतर रख पाते हैं।

यह वर्ष आपके लिए इन्हीं गुणों की परीक्षा का साबित होगा। वर्ष आरंभ से 12 जुलाई तक आपकी राशि से राहू के एकादश भाव, गुरु के 19 जून तक सप्तम भाव से और शनि के 2 नवंबर तक एकादश भाव में भ्रमण करने से श्रेष्ठ फल मिलेंगे। भूमि-संपत्ति में लाभ, नए संपर्कों से भाग्योदय, दांपत्य सुख में वृद्धि, मनोकामनाओं की पूर्ति, शुभ और मांगलिक कार्यों में प्रवृत्ति, समाज में प्रतिष्ठा के योग बनेंगे।

संतान पक्ष सुख, बड़ी बीमारी से निवृत्ति, कोर्ट-कचहरी में लाभ के योग बनेंगे। अवसर का लाभ उठाने का पूरा प्रयास करें। 12 जुलाई 2014 से राहु के दशम भाव में आने से कार्यक्षेत्र में सम्मान, उन्नति होगी लेकिन पितृपक्ष में चिंता हो सकती है।

धार्मिक तीर्थयात्राओं के योग हैं जबकि गुरु के 19 जून से अष्टम स्थान में आने से आध्यात्मिक लाभ होगा, किंतु हर काम में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य चिंता होगी। कर्ज लेना पड़ सकता है। शनि लगातार संघर्ष करवाता रहेगा। परिश्रम से ही लाभ और अनुकूलता हो सकेगी।

प्रेम-प्रसंगों के लिए वर्ष का पूर्वार्ध ठीक है, बाद में सतर्कता बरतें। विवाह योग्य लोगों के लिए जून तक प्रबल योग बने हैं। विद्यार्थियों को वर्ष में उत्तरार्ध में विशेष प्रयास से ही सफलता प्राप्त होगी।

उपाय- शनि और गुरु की शांति कराएं।

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मकर- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं कि मकर राशि वालों के लिए यह वर्ष मिला-जुला साबित होगा। मकर राशि वाले लोग गंभीर प्रकृति के गहन चिंतन वाले होते हैं। जीवन में लगातार संघर्ष करते रहते हैं।

परेशानियों, कष्ट से लड़ना इनके लिए आम बात होती है लेकिन पलायनवादी नहीं होते। किसी भी परिस्थिति से निपटने का माद्दा रखते हैं। यही गुण इस वर्ष मकर राशि के लोगों को सहयोग प्रदान करेगा।

वर्ष आरंभ से ही राहु आपकी राशि से दशम स्थान में भ्रमण करने से कार्यक्षेत्र में सम्मान, उन्नति होगी। यश-प्रतिष्ठा में वृद्धि, प्रतिस्पर्धा और पितृपक्ष में चिंता हो सकती है। धार्मिक तीर्थयात्राओं के योग हैं।

लेकिन 12 जुलाई राहु के नवम भाव में आने से भाग्य में वृद्धि, धार्मिक यात्राएं, विदेशी साझेदारी, अकस्मात लाभ, राज्यकृपा और मानसिक कष्ट की स्थिति बनेगी। गुरु के आपकी राशि से षष्ठ भाव से गोचर करने से नौकरी-व्यवसाय में परेशानी, स्वास्थ्य की चिंता, वजन बढ़ने की चिंता, गुप्त शत्रु से परेशानी, दांपत्य जीवन में तनाव, व्यर्थ के व्यय से मानसिक तनाव के योग बनेंगे।

हालांकि 19 जून के बाद दांपत्य जीवन में सुख, साझेदारी से लाभ, सामाजिक सम्मान, नए लोगों से संपर्क से लाभ के योग बनेंगे। उच्च शनि के आपकी राशि से 2 नवंबर तक दशम भाव में भ्रमण करने से नौकरी-व्यवसाय के क्षेत्र में मिला-जुला फल मिलेगा।

कार्यों में रुकावटों के साथ सफलता मिलेगी जबकि 2 नवंबर के बाद शनि के एकादश स्थान में गोचर करने से श्रेष्ठ फलदायी योग बन रहे हैं। मनचाही सफलताएं प्राप्त होंगी।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में यह साल योगकारक है। विवाह योग्य लोगों के लिए जून के बाद विवाह-मांगलिक कार्यों के विशेष प्रबल योग बन रहे हैं। विद्यार्थियों के लिए बड़ी परीक्षा में सफलता के विशेष योग हैं। अपना पूरा प्रयास करें, बड़ी सफलता मिलेगी।

उपाय- गुरु की शांति कराएं। शनिवार को पीपल में तेल का दीपक लगाएं।



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कुंभ- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं कि कुंभ राशि वालों के लिए यह वर्ष उपलब्धियों और उत्साह से भरा साबित होगा। कुंभ राशि के लोग पुरुषार्थी, परोपकारी, समाज, देश व परिवार की चिंता करने वाले होते हैं। देश और विदेशों की संस्कृति को समझने वाले होते हैं।

गलत देखना और सहना इनके बूते का नहीं इसलिए कई बार परेशान होते हैं। जिद्दी और धुन के पक्के होने से जिस काम में हाथ डालते हैं, पूरा करके ही छोड़ते हैं। इन सब गुणों के कारण यह साल आपके लिए उपलब्धियों वाला साबित होगा, बस विवेकशील होकर निर्णय लेना होंगे।

आपकी राशि से राहु के नवम भाव में होने से भाग्य में वृद्धि, धार्मिक यात्राएं, विदेशी साझेदारी, अकस्मात लाभ, राज्यकृपा और मानसिक पीड़ा होगी लेकिन 12 जुलाई से राहु के अष्टम स्थान में आने से रुका पैसा मिलेगा। अकस्मात धन की प्राप्ति होगी लेकिन शारीरिक और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ेगा। व्यर्थ लंबी यात्राओं में कष्ट के योग बनते हैं।

आपकी राशि से गुरु का पंचम भाव से गोचर होने से संतान सुख, सिद्धि प्राप्ति के योग, विवाह योग, मनोकामनाओं की पूर्ति की स्थिति, धनलाभ, नए भवन का सुख मिलने के योग हैं लेकिन 19 जून से गुरु के षष्ठ भाव में आने से रोग एवं शत्रु से परेशानी, पेट के रोग, वजन बढ़ने की परेशानी, व्यर्थ खर्च, दांपत्य कष्ट, नौकरी में उन्नति के साथ परेशानी भी होगी जबकि शनि के आपकी राशि से 2 नवंबर तक भाग्य स्थान में होने से आर्थिक कष्ट, कार्यों में रुकावटें, स्थानांतरण, पिता को कष्ट, संतान पीड़ा, स्वजनों से पीड़ा, नौकरी-व्यवसाय में रुकावटें होंगी।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में सावधानी रखें। विवाह योग्य लोगों के लिए जून तक प्रबल योग हैं, प्रयास करें। विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रयास से सफलता योग हैं। इस वर्ष आप बड़ी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

उपाय- शनि की शांति कराएं। हनुमान की साधना करें।


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मीन- वर्ष 2014 के सितारे बताते हैं कि मीन राशि वालों के लिए यह वर्ष मिला-जुला ही साबित होगा। मीन राशि के लोग अत्यधिक भावुक, सच्चे, सरल हृदय होते हैं। आध्यात्मिक और धार्मिक विचार के ये लोग नए लोगों से शीघ्र मित्रता कर लेते हैं। लेखन, धार्मिक साहित्य में विशेष लगाव होता है।

द्विस्वभाव के होने से खुद को हर परिस्थिति में बदलने की ताकत रखते हैं लेकिन अतिविश्वास से परेशानी में पड़ते हैं। इन विशेष गुणों के कारण ही विगत महीनों से चली आ रही परेशानियों का सामना करते रहेंगे।

आपकी राशि स्वामी गुरु के चतुर्थ स्थान से भ्रमण करने से सुख में कमी, भूमि, वाहन में परेशानी, संतान कष्ट का सामना करना पड़ सकता है हालांकि 19 जून से गुरु के पंचम स्थान में आने से स्थितियां अनुकूल होने लगेंगी। संतान सुख, वांछित सफलता, धार्मिक यात्राओं, मान-सम्मान, यश-प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग बनेंगे जबकि राहु के आपकी राशि से अष्टम स्थान से भ्रमण करने से रुका पैसा मिलेगा, अकस्मात धन की प्राप्ति होगी लेकिन शारीरिक और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ेगा। व्यर्थ लंबी यात्राओं में कष्ट के योग बनते हैं।

राहु के 12 जुलाई से सप्तम स्थान में आने से दांपत्य जीवन में तनाव, साझेदारी व्यवसाय में हानि, यश-सम्मान में हानि के योग बनते हैं। आपकी राशि पर 2 नवंबर तक शनि का लघु कल्याणी ढैया अष्टम भाव में होने से कार्यों में सफलता के लिए अथक प्रयास करने होंगे। शारीरिक व मानसिक पीड़ा बनी रहेगी। कार्यों में रुकावटों का सामना करना पड़ेगा। अत्यधिक खर्च और व्यर्थ की यात्राओं से बचें।

प्रेम-प्रसंग के मामलों में भावुकता से बचें व सावधानी बरतें। विवाह योग्य लोगों के लिए जून के बाद प्रबल योग बन रहे हैं। विद्यार्थियों के लिए अधिक परिश्रम की आवश्यकता है। जून के बाद बड़ी परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है।

उपाय- शनि और गुरु की शांति कराएं, बिगड़े कार्य बन जाएंगे। पीली वस्तुओं का दान मंदिर में करें।

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